अगर ऐसा हो कि हम सुबह सोकर उठे और हमारे मोबाइल पर मैसेज दिखे कि हमारे खाते में अतिरिक्त पैसे जमा हुए है। हालांकि यह एक कल्पना है लेकिन ऐसा होना संभव भी हो सकता है वो भी 'हेलीकॉप्टर मनी' के जरिए। आइऐ आपको बताते है -
दरअसल 'हेलीकॉप्टर मनी' में सरकारें सीधे उपभोक्ताओं को देती हैं। इसके पीछे का उद्देश्य होता है कि लोग अधिक से अधिक खर्च करें जिससे अर्थव्यवस्था में मजबूती आए। जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी वैसे कीमतें भी बढ़ेंगी और इकॉनमी भी मजबूत होगी।
क्या है हेलीकॉप्टर मनी का अर्थ -
हेलीकॉप्टर मनी का पहली बार प्रयोग 1969 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन ने किया था।
इसके नाम से ऐसा लगता है कि जैसे आकाश से हेलीकॉप्टर द्वारा पैसे बरसाए जाएंगे। लेकिन अर्थव्यवस्था के संदर्भ में इसका अर्थ अपरंपरागत तौर पर आर्थिक नीति में बड़ा बदलाव करना और बड़े पैमाने पर नोटों को छापना और उसे ग्रोथ के लिए बाज़ार में लगाना है। ऐसा अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए तब किया जाता है जब देश में मंदी छाई हो।
वर्तमान हालातों को देखते हुए फिर शुरू हुई चर्चा-
दुनियाभर में जिस तरह कोरोना संकट की वजह से तमाम अर्थव्यवस्थाओं की हालत खस्ता हो गई है उसके बाद एक बार फिर 'हेलीकॉप्टर मनी' की चर्चा शुरू हो गई है। आर्थिक जगत में इस 'हेलीकॉप्टर मनी' शब्द का प्रयोग काफी समय से किया जा रहा है। इस मनी की अवधारणा पर अर्थशास्त्रियों द्वारा कई वर्षों से गंभीरता से बहस हो रही है और वर्तमान हालातों को देखते हुए इसके प्रचलन में आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 2008 में जब आर्थिक मंदी आई थी तब केन्द्रीय बैंकों ने ट्रिलियन डॉलर, यूरो, येन और पाउंड होने के बावजूद वैश्विक वित्तीय प्रणाली में कदम रखा था।
ऐसा कदम उठा सकते हैं कई देश-
कोरोना संकट के बाद पैदा हुए हालात के बाद माना जा रहा है कि जापान, अमेरिका सहित दुनिया के कुछ देश हेलीकॉप्टर मनी का प्रयोग कर सकते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि यदि आने वाले समय में लोग, व्यापारी मार्केट में गिरावट से ख़रीददारी बंद कर देते हैं तो अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे हालात को रोकने के लिए यूरोप सहित कई सेंट्रल बैंक इस तरह का कदम उठा सकते हैं ताकि आर्थिक विकास की दर को बढ़ाया जा सके। लोग कह रहे हैं कि भारत सरकार के पास भी इस संकट के घड़ी में ये विकल्प उपलब्ध है। हाल ही में इसका सुझाव तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने दिया था।
यदि भारत ऐसा करता है तो आने वाले वित्तीय संकट से उबर सकता है।
इस पर आपके क्या सुझाव है कमेंट करके जरूर बताइयेगा।
दरअसल 'हेलीकॉप्टर मनी' में सरकारें सीधे उपभोक्ताओं को देती हैं। इसके पीछे का उद्देश्य होता है कि लोग अधिक से अधिक खर्च करें जिससे अर्थव्यवस्था में मजबूती आए। जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी वैसे कीमतें भी बढ़ेंगी और इकॉनमी भी मजबूत होगी।
क्या है हेलीकॉप्टर मनी का अर्थ -
हेलीकॉप्टर मनी का पहली बार प्रयोग 1969 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन ने किया था।
इसके नाम से ऐसा लगता है कि जैसे आकाश से हेलीकॉप्टर द्वारा पैसे बरसाए जाएंगे। लेकिन अर्थव्यवस्था के संदर्भ में इसका अर्थ अपरंपरागत तौर पर आर्थिक नीति में बड़ा बदलाव करना और बड़े पैमाने पर नोटों को छापना और उसे ग्रोथ के लिए बाज़ार में लगाना है। ऐसा अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए तब किया जाता है जब देश में मंदी छाई हो।
वर्तमान हालातों को देखते हुए फिर शुरू हुई चर्चा-
दुनियाभर में जिस तरह कोरोना संकट की वजह से तमाम अर्थव्यवस्थाओं की हालत खस्ता हो गई है उसके बाद एक बार फिर 'हेलीकॉप्टर मनी' की चर्चा शुरू हो गई है। आर्थिक जगत में इस 'हेलीकॉप्टर मनी' शब्द का प्रयोग काफी समय से किया जा रहा है। इस मनी की अवधारणा पर अर्थशास्त्रियों द्वारा कई वर्षों से गंभीरता से बहस हो रही है और वर्तमान हालातों को देखते हुए इसके प्रचलन में आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 2008 में जब आर्थिक मंदी आई थी तब केन्द्रीय बैंकों ने ट्रिलियन डॉलर, यूरो, येन और पाउंड होने के बावजूद वैश्विक वित्तीय प्रणाली में कदम रखा था।
ऐसा कदम उठा सकते हैं कई देश-
कोरोना संकट के बाद पैदा हुए हालात के बाद माना जा रहा है कि जापान, अमेरिका सहित दुनिया के कुछ देश हेलीकॉप्टर मनी का प्रयोग कर सकते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि यदि आने वाले समय में लोग, व्यापारी मार्केट में गिरावट से ख़रीददारी बंद कर देते हैं तो अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे हालात को रोकने के लिए यूरोप सहित कई सेंट्रल बैंक इस तरह का कदम उठा सकते हैं ताकि आर्थिक विकास की दर को बढ़ाया जा सके। लोग कह रहे हैं कि भारत सरकार के पास भी इस संकट के घड़ी में ये विकल्प उपलब्ध है। हाल ही में इसका सुझाव तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने दिया था।
यदि भारत ऐसा करता है तो आने वाले वित्तीय संकट से उबर सकता है।
इस पर आपके क्या सुझाव है कमेंट करके जरूर बताइयेगा।
Sir sahi h agar aisa hoga to kyoki lockdown hatne ke baad log kya karenge jb unke paas kuchh hoga hi nhi
ReplyDeleteSir India main impossible hai kyunki yahan jansankhya jyada hai
ReplyDeleteAgar aisa hona possible huaa to ye india ke aur india ke logo ke liye bahut hi achha hoga....
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