दुनिया की सबसे तेज ट्रेन बनेगी हाइपरलूप वन!
कितना अच्छा हो अगर घंटो की दूरियां मिनटों में पूरी कर लीं जाए। मान लीजिए अभी दिल्ली से मुंबई जाने में हमें लगभग 19 घंटे का सफर तय करना पड़ता है लेकिन अगर यही सफर हम 45 मिनट में पूरा कर ले तो, ये कोई हवाई बातें नहीं बल्कि टेस्ला के सीईओ और स्पेस एक्स के संस्थापक एलन मस्क का भावी प्रोजेक्ट है जिसे वे जल्द हकीकत में बदलने की सोंच रहे हैं। एलन हाइपर लूप नाम की एक ऐसी ट्रेन बनाने में लगे हैं जो 1287 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकेगी। ये एक खास तरह के ट्यूब के अंदर दौड़ेगी। इस ट्यूब में छोटे-छोटे साइज के कैपसूल होंगे जिनमें एक बार में चार व्यक्ति सफर कर सकेंगे। हालाकि कैलिफोर्निया हाईस्पीड रेल अथॉरिटी के मुताबिक हाईपर लूप नाम की ट्रैन को बनने में काफी समय लग सकता है हो सकता है ये 2029 तक ये ट्रेन बनकर तैयार हो जाए। एलन के मुताबिक हाईपर लूप हाईस्पीड ट्रेनों के मुकाबले सस्ती और ज्यादा तेजी से चलने वाली ट्रेन होगी। एलन के मुताबिक इस ट्रेन के अंदर बैठने वाले व्यक्ति को ऐसा अहसास होगा जैसे वो किसी सुपरसोनिक विमान में बैठा हो। जब भी ट्रेन हाईस्पीड में होगी तो वो एक सिरिंज कर तरह काम करेगी अगर कभी धोखे से ट्रेन ट्यूब की दीवारों के करीब आने लगेगी तो दवाब की वजह से उसकी स्पीड कम हो जाएगी जिससे कोई भी अनहोनी होने से पहले ही ट्रेन रुक जाएगी। हाईपरलूप इलेक्ट्रौमैगनेटिक फील्ड पर दौड़ेगी जिससे ये पटरियों से थोड़ा ऊपर चलेगी।हाइपरलूप वन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बुलेट ट्रेन की दोगुनी रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेन बनेगी और दुनिया की सबसे तेज ट्रेन होने का गौरव हासिल करेगी। जानकारी के अनुसार, हाइपरलूप वन के प्रोटोटाइप का (जिसे पूर्व में हाइपरलूप टेक्नोलॉजीज के नाम से जाना जाता था) पहली बार अमेरिका के नेवाडा डेजर्ट में सफल परीक्षण किया गया। बताया जा रहा है कि पहले परीक्षण में हाइपरलूप वन ने 300 मील/घंटा की रफ्तार पकड़ी। इसके लिए परीक्षण स्थल नॉर्थ लॉस वेगास के नेवाडा में बनाया गया था। चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड (ट्रैक) पर हाइपरलूप का दो मील के ट्रैक पर परीक्षण कराया गया। अभी चीन के शंघाई में मैग्लेव ट्रेन दुनिया की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन है।
No comments:
Post a Comment